१.
समाजको आवाहन
१
अ. हिंदू युवतीरूप मूल्यवान थातीको संभालकर अपनी संस्कृतिकी रक्षा करें ! : ‘स्त्रीके कारण हिंदुस्थानकी नैतिकता और
संस्कृति बची हुई है । हिंदू युवतियां हिंदू संस्कृतिके गुणसूत्रोंकी अधिकोष
(जीनबैंक) हैं । उनका अन्य पंथियोंसे विवाह न होने दें, अर्थात हिंदू वंशवृदि्धके बहुमोल
गुणसूत्र अन्य धर्मियोंके हाथोंमें न जाने दें । अपनी सांस्कृतिक धरोहर बचाएं ।’
१
आ. हिंदुओ, ‘लव जिहाद’ यह हिंदू धर्मपर वांशिक आक्रमण होनेके
कारण अपने क्षेत्रसे ‘लव जिहाद’का षड्यंत्र ध्वस्त करने हेतु आगे बढकर
संगठित प्रयास करें !
१
इ. ‘जिस समाजमें महिलाएं सुरकि्षत हैं, ऐसा समाज ही सुरक्षित होता है’, यह ध्यानमें रख हिंदू युवतियोंकी रक्षा
करें !
१
ई. ‘हिंदुओ, यह प्रतिज्ञा करो, ‘किसी
भी हिंदू परिचित युवतीको मैं ‘लव
जिहाद’की बलि नहीं चढने दूंगा !’
१
उ. धर्मांतरित; किंतु हिंदू धर्ममें पुनप्र्रवेशकी
इच्छुक युवतियोंको स्वधर्म में स्थान दें ! : ‘अनेक
बार धर्मांतरित असहाय युवती अपने धर्ममें लौटनेके लिए तत्पर रहती है । तथापि, हिंदू समाज उसे नहीं अपनाता ।
धर्मशत्रुओंसे लड-झगडकर हिंदू युवती पुनः अपने मूल घरतक आई है, इसीसे यह प्रमाणित होता है कि उसमें
हिंदुत्व अभी जीवित है । अतएव, हिंदू
समाज निःसंकोच होकर उसे स्वधर्ममें पुनप्र्रवेश देकर धर्मांध मुसलमानोंपर दबाव
बनाए । हमारे हिंदू युवकोंको ऐसी उत्पीडित युवतीसे विवाह करनेके लिए आगे आना चाहिए
। उसी प्रकार, उसका नया संसार बसानेका दायित्व आर्थिक
दृषि्टसे संपन्न हिंदुओंको लेना चाहिए ।’ – श्री.
समीर दरेकर