Sunday 6 September 2015

‘लव जिहाद’ रोकनेके उपाय तथा हिन्दू समाजको आवाहन



१. समाजको आवाहन

१ अ. हिंदू युवतीरूप मूल्यवान थातीको संभालकर अपनी संस्कृतिकी रक्षा करें ! : स्त्रीके कारण हिंदुस्थानकी नैतिकता और संस्कृति बची हुई है । हिंदू युवतियां हिंदू संस्कृतिके गुणसूत्रोंकी अधिकोष (जीनबैंक) हैं । उनका अन्य पंथियोंसे विवाह न होने दें, अर्थात हिंदू वंशवृदि्धके बहुमोल गुणसूत्र अन्य धर्मियोंके हाथोंमें न जाने दें । अपनी सांस्कृतिक धरोहर बचाएं ।

१ आ. हिंदुओ, ‘लव जिहादयह हिंदू धर्मपर वांशिक आक्रमण होनेके कारण अपने क्षेत्रसे लव जिहादका षड्यंत्र ध्वस्त करने हेतु आगे बढकर संगठित प्रयास करें !

१ इ. जिस समाजमें महिलाएं सुरकि्षत हैं, ऐसा समाज ही सुरक्षित होता है’, यह ध्यानमें रख हिंदू युवतियोंकी रक्षा करें !

१ ई. हिंदुओ, यह प्रतिज्ञा करो, ‘किसी भी हिंदू परिचित युवतीको मैं लव जिहादकी बलि नहीं चढने दूंगा !


१ उ. धर्मांतरित; किंतु हिंदू धर्ममें पुनप्र्रवेशकी इच्छुक युवतियोंको स्वधर्म में स्थान दें ! : अनेक बार धर्मांतरित असहाय युवती अपने धर्ममें लौटनेके लिए तत्पर रहती है । तथापि, हिंदू समाज उसे नहीं अपनाता । धर्मशत्रुओंसे लड-झगडकर हिंदू युवती पुनः अपने मूल घरतक आई है, इसीसे यह प्रमाणित होता है कि उसमें हिंदुत्व अभी जीवित है । अतएव, हिंदू समाज निःसंकोच होकर उसे स्वधर्ममें पुनप्र्रवेश देकर धर्मांध मुसलमानोंपर दबाव बनाए । हमारे हिंदू युवकोंको ऐसी उत्पीडित युवतीसे विवाह करनेके लिए आगे आना चाहिए । उसी प्रकार, उसका नया संसार बसानेका दायित्व आर्थिक दृषि्टसे संपन्न हिंदुओंको लेना चाहिए ।’ – श्री. समीर दरेकर

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